Sunday, 1 January 2017

चार अंगुल का पेड़

चार अंगुल का पेड़,
सवा मन का पत्ता,
फल लगे अलग -अलग,
पक जाये इकट्ठा ॥


उत्तर - कुम्हार का चाक 


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